भविष्य पुराण

भविष्य पुराण

भविष्य पुराण के रचयिता महर्षि वेदव्यास ऋषि है। वर्तमान में इस पुराण में कुल 14,000 श्लोक प्राप्त हैं। इस पुराण को ब्रह्म पर्व, मध्यम पर्व, प्रतिसर्ग पर्व तथा उत्तर पर्व इन चार पर्व में विभाजित किया गया है। मध्यमपर्व तीन तथा प्रतिसर्ग पर्व चार इन के मध्य में खण्डों में विभक्त है। इन चार पर्वों में शामिल अध्याय हैं, जिनकी कुल संख्या 485 है। इस पुराण में कथाएँ रोचक तथा प्रभावोत्कपादक हैं।

भविष्य पुराण


भविष्यपुराण

Bhavishya Purana

भविष्य पुराण को चार पर्व में बाटा गया हे, जो निम्नलिखित है-

ब्रह्म पर्व:-

भविष्य पुराण के इस पर्व में कुल 215 अध्याय हैं। भविष्य में होने वाली घटनाओं से संबंधित इस पन्द्रह सहस्र श्लोकों के इस महापुराण में धर्म, आचार, नागपंचमी व्रत, सूर्यपूजा, स्त्री प्रकरण आदि हैं। ब्रह्म पर्व के आरम्भ में महर्षि सुमंतु एवं राजा शतानीक का संवाद किया गया है। इस पर्व में मुख्यत: व्रत-उपवास पूजा विधि, सूर्योपासना का माहात्म्य और उनसे जुड़ी कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसमें सूर्य से सम्बन्धित 169 अध्याय है।

मध्यम पर्व:-

भविष्य पुराण के इस पर्व में समस्त कर्मकाण्ड का निरूपण है। मध्यम पर्व में व्रत और दान से सम्बद्ध विषय और व्रत अत्यन्त महत्त्वपूर्ण माना गया हैं। मध्यम पर्व में मुख्य रूप से श्राद्धकर्म, पितृकर्म, विवाह-संस्कार, यज्ञ, व्रत, स्नान, प्रायश्चित्त, अन्नप्राशन, मन्त्रोपासना, राज कर देना, यज्ञ के दिनों की गणना के बारे में विवरण दिया गया है। इतने विस्तार से व्रतों का वर्णन न किसी पुराण, न किसी धर्मशास्त्रमें मिलता है और न किसी स्वतन्त्र व्रत-संग्रह के ग्रन्थ में।

प्रतिसर्ग पर्व:-

भविष्य पुराण के प्रतिसर्ग पर्व के तृतीय तथा चतुर्थ खण्ड में इतिहास की महत्त्वपूर्ण सामग्री उपस्थित है। इतिहास लेखकों ने सबसे पहले इसी का आधार लिया है। प्रतिसर्ग पर्व मध्यकालीन हर्षवर्धन, महावीर बप्पा रावल, महाराज पृथ्वीराज चौहान,आल्हा- ऊदल, पेशवा माधवराव, आदि हिन्दू राजाओं और अलाउद्दीन, मुहम्मद तुगलक, तैमूरलंग, बाबर तथा अकबर, आदि का प्रामाणिक इतिहास ज्ञात किया गया है। इसमें जगद्गुरु श्री आदिशंकराचार्य, श्रीरामानुजाचार्य, मीराबाई, श्रीचैतन्य महाप्रभु, गुरु नानक देवजी, तुलसीदासजी, सूरदासजी, कबीरदास जी, चंद बरदाई के बारे में वर्णन किया गया है।

उत्तर पर्व:-

भविष्य पुराण के उत्तर पर्व में भगवान विष्णु की माया से नारद जी के मोहित होने का वर्णन मिलता है। इसके बाद स्त्रियों को सौभाग्य प्रदान करने वाले अन्य कई व्रतों का वर्णन भी विस्तारपूर्वक किया गया है। इस पर्व में 208 अध्याय हैं। उत्तर पर्व भविष्य पुराण का अंग है, किन्तु इसे एक भविष्योत्तरपुराण भी माना जाता है।

भविष्यपुराणम्

१. पर्व १ (ब्राह्मपर्व)

२.१. पर्व २ (मध्यमपर्व)/भागः १

२.२. पर्व २ (मध्यमपर्व)/भागः २

२.३. पर्व २ (मध्यमपर्व)/भागः ३

३.१. पर्व ३ (प्रतिसर्गपर्व)/खण्डः १

३.२. पर्व ३ (प्रतिसर्गपर्व)/खण्डः २

३.३. पर्व ३ (प्रतिसर्गपर्व)/खण्डः ३

३.४. पर्व ३ (प्रतिसर्गपर्व)/खण्डः ४

४. पर्व ४ (उत्तरपर्व)

भविष्यपुराणम्

अध्यायः १

अध्यायः २

अध्यायः ३

अध्यायः ४

अध्यायः ५

अध्यायः ६

अध्यायः ७

अध्यायः ८

अध्यायः ९

अध्यायः १०

अध्यायः ११

अध्यायः १२

अध्यायः १३

अध्यायः १४

 

अध्यायः १५

 

अध्यायः १६

 

अध्यायः १७

 

अध्यायः १८

 

अध्यायः १९

 

अध्यायः २०

 

अध्यायः २१

 

अध्यायः २२

 

अध्यायः २३

 

अध्यायः २४

 

अध्यायः २५

 

अध्यायः २६

 

अध्यायः २७

 

अध्यायः २८

 

अध्यायः २९

 

अध्यायः ३०

 

अध्यायः ३१

 

अध्यायः ३२

 

अध्यायः ३३

 

अध्यायः ३४

 

अध्यायः ३५

 

अध्यायः ३६

 

अध्यायः ३७

 

अध्यायः ३८

 

अध्यायः ३९

 

अध्यायः ४०

 

अध्यायः ४१

 

अध्यायः ४२

 

अध्यायः ४३

 

अध्यायः ४४

 

अध्यायः ४५

 

अध्यायः ४६

 

अध्यायः ४७

 

अध्यायः ४८

 

अध्यायः ४९

 

अध्यायः ५०

 

अध्यायः ५१

 

अध्यायः ५२

 

अध्यायः ५३

 

अध्यायः ५४

 

अध्यायः ५५

 

अध्यायः ५६

 

अध्यायः ५७

 

अध्यायः ५८

 

अध्यायः ५९

 

अध्यायः ६०

 

अध्यायः ६१

 

अध्यायः ६२

 

अध्यायः ६३

 

अध्यायः ६४

 

अध्यायः ६५

 

अध्यायः ६६

 

अध्यायः ६७

 

अध्यायः ६८

 

अध्यायः ६९

 

अध्यायः ७०

 

अध्यायः ७१

 

अध्यायः ७२

 

अध्यायः ७३

 

अध्यायः ७४

 

अध्यायः ७५

 

अध्यायः ७६

 

अध्यायः ७७

 

अध्यायः ७८

 

अध्यायः ७९

 

अध्यायः ८०

 

अध्यायः ८१

 

अध्यायः ८२

 

अध्यायः ८३

 

अध्यायः ८४

 

अध्यायः ८५

 

अध्यायः ८६

 

अध्यायः ८७

 

अध्यायः ८८

 

अध्यायः ८९

 

अध्यायः ९०

 

अध्यायः ९१

 

अध्यायः ९२

 

अध्यायः ९३

 

अध्यायः ९४

 

अध्यायः ९५

 

अध्यायः ९६

 

अध्यायः ९७

 

अध्यायः ९८

 

अध्यायः ९९

 

अध्यायः १००

 

अध्यायः १०१

 

अध्यायः १०२

 

अध्यायः १०३

 

अध्यायः १०४

 

अध्यायः १०५

 

अध्यायः १०६

 

अध्यायः १०७

 

अध्यायः १०८

 

अध्यायः १०९

 

अध्यायः ११०

 

अध्यायः १११

 

अध्यायः ११२

 

अध्यायः ११३

 

अध्यायः ११४

 

अध्यायः ११५

 

अध्यायः ११६

 

अध्यायः ११७

 

अध्यायः ११८

 

अध्यायः ११९

 

अध्यायः १२०

 

अध्यायः १२१

 

अध्यायः १२२

 

अध्यायः १२३

 

अध्यायः १२४

 

अध्यायः १२५

 

अध्यायः १२६

 

अध्यायः १२७

 

अध्यायः १२८

 

अध्यायः १२९

 

अध्यायः १३०

 

अध्यायः १३१

 

अध्यायः १३२

 

अध्यायः १३३

 

अध्यायः १३४

 

अध्यायः १३५

 

अध्यायः १३६

 

अध्यायः १३७

 

अध्यायः १३८

 

अध्यायः १३९

 

अध्यायः १४०

 

अध्यायः १४१

 

अध्यायः १४२

 

अध्यायः १४३

 

अध्यायः १४४

 

अध्यायः १४५

 

अध्यायः १४६

 

अध्यायः १४७

 

अध्यायः १४८

 

अध्यायः १४९

 

अध्यायः १५०

 

अध्यायः १५१

 

अध्यायः १५२

 

अध्यायः १५३

 

अध्यायः १५४

 

अध्यायः १५५

 

अध्यायः १५६

 

अध्यायः १५७

 

अध्यायः १५८

 

अध्यायः १५९

 

अध्यायः १६०

 

अध्यायः १६१

 

अध्यायः १६२

 

अध्यायः १६३

 

अध्यायः १६४

 

अध्यायः १६५

 

अध्यायः १६६

 

अध्यायः १६७

 

अध्यायः १६८

 

अध्यायः १६९

 

अध्यायः १७०

 

अध्यायः १७१

 

अध्यायः १७२

 

अध्यायः १७३

 

अध्यायः १७४

 

अध्यायः १७५

 

अध्यायः १७६

 

अध्यायः १७७

 

अध्यायः १७८

 

अध्यायः १७९

 

अध्यायः १८०

 

अध्यायः १८१

 

अध्यायः १८२

 

अध्यायः १८३

 

अध्यायः १८४

 

अध्यायः १८५

 

अध्यायः १८६

 

अध्यायः १८७

 

अध्यायः १८८

 

अध्यायः १८९

 

अध्यायः १९०

 

अध्यायः १९१

 

अध्यायः १९२

 

अध्यायः १९३

 

अध्यायः १९४

 

अध्यायः १९५

 

अध्यायः १९६

 

अध्यायः १९७

 

अध्यायः १९८

 

अध्यायः १९९

 

अध्यायः २००

 

अध्यायः २०१

 

अध्यायः २०२

 

अध्यायः २०३

 

अध्यायः २०४

 

अध्यायः २०५

 

अध्यायः २०६

 

अध्यायः २०७

 

अध्यायः २०८

 

अध्यायः २०९

 

अध्यायः २१०

 

अध्यायः २११

 

अध्यायः २१२

 

अध्यायः २१३

 

अध्यायः २१४

 

अध्यायः २१५

 

अध्यायः २१६

  

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