नरसिंह पुराण
श्री नरसिंह पुराण महर्षि वेदव्यास
द्वारा रचित यह एक उपपुराण है। इसमें 68
अध्याय तथा 3,464 श्लोक हैं, 8वां
अध्याय यम गीता के तीन संस्करणों में से एक है। अध्याय 36 से
54 तक भगवान विष्णु के 10 अवतारों का
विस्तारपूर्वक वर्णन है। 21वें और 22वें
अध्याय में सूर्यवंश तथा सोम वंश का वर्णन है इनके अंत में महाराज शुद्धोदन के
पुत्र भगवान गौतम बुद्ध तथा क्षेमक का वर्णन है। 41 से 44 अध्याय तक नरसिंहावतार कथा, 47 से 52 तक राम कथा और 53 वे अध्याय में भगवान कृष्ण की कथा
सारगर्भित है। अध्याय 57 से 61 तक
स्वतंत्र लेख हैं जिसे हारीत संहिता अथवा लघुहारीत स्मृति कहते हैं।
श्रीनरसिंह पुराण
Narasingh puran
श्री नरसिंह पुराणम्
अध्यायः ११
अध्यायः १२
अध्यायः १३
अध्यायः १४
अध्यायः १५
अध्यायः १६
अध्यायः १७
अध्यायः १८
अध्यायः १९
अध्यायः २०
अध्यायः २१
अध्यायः २२
अध्यायः २३
अध्यायः २४
अध्यायः २५
अध्यायः २६
अध्यायः २७
अध्यायः २८
अध्यायः २९
अध्यायः ३०
अध्यायः ३१
अध्यायः ३२
अध्यायः ३३
अध्यायः ३४
अध्यायः ३५
अध्यायः ३६
अध्यायः ३७
अध्यायः ३८
अध्यायः ३९
अध्यायः ४०
अध्यायः ४१
अध्यायः ४२
अध्यायः ४३
अध्यायः ४४
अध्यायः ४५
अध्यायः ४६
अध्यायः ४७
अध्यायः ४८
अध्यायः ४९
अध्यायः ५०
अध्यायः ५१
अध्यायः ५२
अध्यायः ५३
अध्यायः ५४
अध्यायः ५५
अध्यायः ५६
अध्यायः ५७
अध्यायः ५८
अध्यायः ५९
अध्यायः ६०
अध्यायः ६१
अध्यायः ६२
अध्यायः ६३
अध्यायः ६४
अध्यायः ६५
अध्यायः ६६
अध्यायः ६७
अध्यायः ६८
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