गरूड़पुराण

गरूड़पुराण

एक बार गरुड़जी ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, जीव की यमलोक-यात्रा, विभिन्न कर्मों से प्राप्त होने वाले नरकों, योनियों तथा पापियों की दुर्गति से संबंधित अनेक गूढ़ एवं रहस्ययुक्त प्रश्न पूछे। उस समय भगवान विष्णु ने गरुड़ की जिज्ञासा शान्त करते हुए उन्हें जो ज्ञानमय उपदेश दिया था, इसलिए इस पुराण को गरुड़ पुराण कहा गया है। श्री विष्णु द्वारा प्रतिपादित यह पुराण मुख्यतः वैष्णव पुराण है। इस पुराण को मुख्य गारुड़ी विद्या भी कहा गया है। इस पुराण का ज्ञान सर्वप्रथम ब्रह्माजी ने महर्षि वेद व्यास को प्रदान किया था। तत्पश्चात् व्यासजी ने अपने शिष्य सूतजी को तथा सूतजी ने नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषि-मुनियों को प्रदान किया था।

गरूड़पुराण

गरूड़पुराण

गरूड़पुराण में उन्नीस हजार श्लोक कहे जाते हैं, किन्तु वर्तमान समय में उपलब्ध पाण्डुलिपियों में लगभग आठ हजार श्लोक ही मिलते हैं। गरुडपुराण के दो भाग हैं- पूर्वखण्ड तथा उत्तरखण्ड। पूर्वखण्ड में २२९ अध्याय हैं (कुछ पाण्डुलिपियों में २४० से २४३ तक अध्याय मिलते हैं)। पूर्वखण्ड में विविध प्रकार के विषयों का समावेश है जो जीव और जीवन से सम्बन्धित हैं। इस भाग में विष्णु भक्ति और उपासना की विधियों का उल्लेख है। उत्तरखण्ड में अलग-अलग पाण्डुलिपियों में अध्यायों की सख्या ३४ से लेकर ४९ तक है। उत्तरखण्ड को प्रायः 'प्रेतखण्ड' या 'प्रेतकल्प' कहा जाता है। दूसरे भाग में प्रेत कल्प का विस्तार से वर्णन करते हुए विभिन्न नरकों में जीव के पड़ने का वृत्तान्त है। इसमें मरने के बाद मनुष्य की क्या गति होती है, उसका किस प्रकार की योनियों में जन्म होता है, प्रेत योनि से मुक्त कैसे पाई जा सकती है, श्राद्ध और पितृ कर्म किस तरह करने चाहिए तथा नरकों के दारूण दुख से कैसे मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है, आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन प्राप्त होता है। प्रेतखण्ड मुख्यतः मृत्यु के पश्चात जीव की गति एवं उससे जुड़े हुए कर्मकाण्डों से सम्बन्धित है।

श्रीगरूड़ महापुराण

Garud puran

श्रीगरुडमहापुराणम् 

गरुडपुराण आचारकाण्डः

अ. १  अ. २ अ. ३ अ. ४  अ. ५ अ. ६अ. ७अ. ८अ. ९अ. १०अ. ११अ. १२ अ. १३अ. १४अ. १५अ. १६

अ. १७अ. १८अ. १९अ. २०अ. २१अ. २२अ. २३अ. २४अ. २५अ. २६अ. २७अ. २८अ. २९अ. ३० अ. ३१

अ. ३२अ. ३३अ. ३४अ. ३५अ. ३६अ. ३७अ. ३८अ. ३९अ. ४०अ. ४१अ. ४२अ. ४३अ. ४४अ. ४५अ. ४६

अ. ४७अ. ४८अ. ४९अ. ५०अ. ५१अ. ५२अ. ५३अ. ५४अ. ५५अ. ५६अ. ५७अ. ५८अ. ५९अ. ६०अ. ६१

अ. ६२अ. ६३अ. ६४अ. ६५अ. ६६अ. ६७अ. ६८अ. ६९अ. ७०अ. ७१अ. ७२अ. ७३अ. ७४अ. ७५अ. ७६

अ. ७७अ. ७८अ. ७९अ. ८०अ. ८१अ. ८२अ. ८३अ. ८४अ. ८५अ. ८६अ. ८७अ. ८८अ. ८९अ. ९०अ. ९१

अ. ९२अ. ९३अ. ९४अ. ९५अ. ९६अ. ९७अ. ९८अ. ९९अ. १००अ. १०१अ. १०२अ. १०३अ. १०४

अ. १०५अ. १०६अ. १०७अ. १०८अ. १०९अ. ११०अ. १११अ. ११२अ. ११३अ. ११४अ. ११५अ. ११६

अ. ११७अ. ११८अ. ११९अ. १२०अ. १२१अ. १२२अ. १२३अ. १२४अ. १२५अ. १२६अ. १२७अ. १२८

अ. १२९अ. १३०अ. १३१अ. १३२अ. १३३अ. १३४अ. १३५अ. १३६अ. १३७अ. १३८अ. १३९अ. १४०

अ. १४१अ. १४२अ. १४३अ. १४४अ. १४५अ. १४६अ. १४७अ. १४८अ. १४९अ. १५०अ. १५१अ. १५२

अ. १५३अ. १५४अ. १५५अ. १५६अ. १५७अ. १५८अ. १५९अ. १६०अ. १६१अ. १६२अ. १६३अ. १६४

अ. १६५अ. १६६अ. १६७अ. १६८अ. १६९अ. १७०अ. १७१अ. १७२अ. १७३अ. १७४अ. १७५अ. १७६

अ. १७७अ. १७८अ. १७९अ. १८०अ. १८१अ. १८२अ. १८३अ. १८४अ. १८५अ. १८६अ. १८७अ. १८८

अ. १८९अ. १९०अ. १९१अ. १९२अ. १९३अ. १९४अ. १९५अ. १९६अ. १९७अ. १९८अ. १९९अ. २००

अ. २०१अ. २०२अ. २०३अ. २०४अ. २०५अ. २०६अ. २०७अ. २०८अ. २०९अ. २१०अ. २११अ. २१२

अ. २१३अ. २१४अ. २१५अ. २१६अ. २१७अ. २१८अ. २१९अ. २२०अ. २२१अ. २२२अ. २२३अ. २२४

अ. २२५अ. २२६अ. २२७अ. २२८अ. २२९अ. २३०अ. २३१अ. २३२अ. २३३अ. २३४अ. २३५अ. २३६

अ. २३७अ. २३८अ. २३९ अ. २४०

गरुडपुराण प्रेतकाण्डः (धर्मकाण्डः)

अध्यायः १ अध्यायः २  अध्यायः ३ अध्यायः४  अध्यायः ५  अध्यायः ६  अध्यायः७ 

अध्यायः ८  अध्यायः ९  अध्यायः १०  अध्यायः ११ अध्यायः १२  अध्यायः१३ 

अध्यायः १४ अध्यायः १५ अध्यायः १६ अध्यायः १७  अध्यायः १८ अध्यायः १९ 

अध्यायः २०  अध्यायः२१ अध्यायः २२ अध्यायः २३ अध्यायः २४ अध्यायः २५अध्यायः २६

अध्यायः २७अध्यायः २८अध्यायः २९अध्यायः ३०अध्यायः ३१अध्यायः ३२अध्यायः ३३अध्यायः ३४

अध्यायः ३५अध्यायः ३६अध्यायः ३७अध्यायः ३८अध्यायः ३९अध्यायः ४०अध्यायः ४१अध्यायः ४२

अध्यायः ४३ अध्यायः ४४ अध्यायः४५ अध्यायः ४६ अध्यायः ४७ अध्यायः ४८ अध्यायः ४९

गरुडपुराण ब्रह्मकाण्डः (मोक्षकाण्डः)

अध्यायः १ अध्यायः २ अध्यायः ३ अध्यायः ४ अध्यायः ५ अध्यायः ६ अध्यायः ७ अध्यायः ८

अध्यायः ९ अध्यायः १०अध्यायः ११अध्यायः १२अध्यायः १३अध्यायः १४अध्यायः १५अध्यायः १६

अध्यायः १७अध्यायः १८अध्यायः १९अध्यायः २०अध्यायः २१अध्यायः २२अध्यायः २३अध्यायः २४

अध्यायः २५अध्यायः २६अध्यायः २७अध्यायः २८ अध्यायः २९

0 Comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box